स्वतंत्र देश में तुझे भी इन ज़ंजीरों से स्वतंत्र कर देंगे, तेरे हम पर लगा देंगे। स्वतंत्र देश में तुझे भी इन ज़ंजीरों से स्वतंत्र कर देंगे, तेरे हम पर लगा देंग...
देती है आने वाले तूफानों का संदेशा जिसका किसी को कहां होता अंदेशा। देती है आने वाले तूफानों का संदेशा जिसका किसी को कहां होता अंदेशा।
वापसी पर वापसी पर
घृणित नाटकीय मंच के पर्दों को हम उठाकर ही रहेंगे ! घृणित नाटकीय मंच के पर्दों को हम उठाकर ही रहेंगे !
बाँहें फैला के करता है स्वागत ये मेरा अपना शहर। बाँहें फैला के करता है स्वागत ये मेरा अपना शहर।
खबर ही नहीं हुई कब, खूबसूरत सी किताब बन गया। खबर ही नहीं हुई कब, खूबसूरत सी किताब बन गया।